मंगलवार को राजकीय महाविद्यालय सीमा रोहड़ू में नवांगतुक विद्यार्थियों के लिए प्राचार्य महोदय का विशेष संबोधन सत्र आयोजित किया गया, जिसे 'दीक्षारंभ' नाम दिया गया था। इस सत्र के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर हरीश सांजटा थे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप-प्रज्वलन और सरस्वती-वंदना से हुई। प्राचार्य महोदय ने नवांगतुक विद्यार्थियों का स्वागत किया और महाविद्यालय के गौरवशाली अतीत एवं भविष्य की योजनाओं से विद्यार्थियों को अवगत करवाया। उन्होंने उच्च शिक्षा की आवश्यकता और इसकी महत्ता पर भी प्रकाश डाला।उन्होंने महाविद्यालय में संचालित विभिन्न डिग्रियों से भी विद्यार्थियों को अवगत करवाया और महाविद्यालय में स्थापित विभिन्न इकाइयों जैसे एनएसएस, एनसीसी, आर एंड आर के संबंध में भी विद्यार्थियों को सूचित किया और इनके महत्त्व के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने महाविद्यालय के ध्येय-वाक्य 'तेजस्विनावधीतमस्तु' में छुपे गहन अर्थ को भी सरलीकृत रूप में समझाया। प्राचार्य महोदय ने विद्यार्थियों को नैतिक मूल्यों के संरक्षण की आवश्यकता और जीवन में अनुशासन के महत्त्व से भी परिचित करवाया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी खूब मेहनत करके अपने सपनों को पूरा करें और राष्ट्र के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। प्राचार्य महोदय ने कहा कि आज युवा वर्ग नशे की गर्त में डूबा जा रहा है। विद्यार्थियों को हर प्रकार के नशे से दूर रहना चाहिए और अपने चरित्र का विकास करना चाहिए। शिक्षा के अतिरिक्त खेलकूद, समाज-सेवा और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। इस अवसर पर शिक्षकों और गैर-शिक्षकों का परिचय विद्यार्थियों से करवाया गया। डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ० रायसिंह नेगी ने भी अपने बहुमूल्य विचार विद्यार्थियों से साझा किए। इस अवसर पर मंच-संचालन डॉ० दिग्विजय रॉनी, डॉ० अश्विनी शर्मा तथा डॉ० नीतिका धवन ने किया। अंत में डॉ० अनिल चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्य उपस्थित थे। महाविद्यालय सभागार में हुए इस कार्यक्रम में बहुत संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।
मंगलवार को राजकीय महाविद्यालय सीमा रोहड़ू में नवांगतुक विद्यार्थियों के लिए प्राचार्य महोदय का विशेष संबोधन सत्र आयोजित किया गया, जिसे 'दीक्षारंभ' नाम दिया गया था। इस सत्र के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर हरीश सांजटा थे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप-प्रज्वलन और सरस्वती-वंदना से हुई। प्राचार्य महोदय ने नवांगतुक विद्यार्थियों का स्वागत किया और महाविद्यालय के गौरवशाली अतीत एवं भविष्य की योजनाओं से विद्यार्थियों को अवगत करवाया। उन्होंने उच्च शिक्षा की आवश्यकता और इसकी महत्ता पर भी प्रकाश डाला।उन्होंने महाविद्यालय में संचालित विभिन्न डिग्रियों से भी विद्यार्थियों को अवगत करवाया और महाविद्यालय में स्थापित विभिन्न इकाइयों जैसे एनएसएस, एनसीसी, आर एंड आर के संबंध में भी विद्यार्थियों को सूचित किया और इनके महत्त्व के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने महाविद्यालय के ध्येय-वाक्य 'तेजस्विनावधीतमस्तु' में छुपे गहन अर्थ को भी सरलीकृत रूप में समझाया। प्राचार्य महोदय ने विद्यार्थियों को नैतिक मूल्यों के संरक्षण की आवश्यकता और जीवन में अनुशासन के महत्त्व से भी परिचित करवाया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी खूब मेहनत करके अपने सपनों को पूरा करें और राष्ट्र के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। प्राचार्य महोदय ने कहा कि आज युवा वर्ग नशे की गर्त में डूबा जा रहा है। विद्यार्थियों को हर प्रकार के नशे से दूर रहना चाहिए और अपने चरित्र का विकास करना चाहिए। शिक्षा के अतिरिक्त खेलकूद, समाज-सेवा और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। इस अवसर पर शिक्षकों और गैर-शिक्षकों का परिचय विद्यार्थियों से करवाया गया। डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ० रायसिंह नेगी ने भी अपने बहुमूल्य विचार विद्यार्थियों से साझा किए। इस अवसर पर मंच-संचालन डॉ० दिग्विजय रॉनी, डॉ० अश्विनी शर्मा तथा डॉ० नीतिका धवन ने किया। अंत में डॉ० अनिल चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्य उपस्थित थे। महाविद्यालय सभागार में हुए इस कार्यक्रम में बहुत संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।
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मंगलवार को राजकीय महाविद्यालय सीमा रोहड़ू में नवांगतुक विद्यार्थियों के लिए प्राचार्य महोदय का विशेष संबोधन सत्र आयोजित किया गया, जिसे 'दीक्षारंभ' नाम दिया गया था। इस सत्र के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर हरीश सांजटा थे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप-प्रज्वलन और सरस्वती-वंदना से हुई। प्राचार्य महोदय ने नवांगतुक विद्यार्थियों का स्वागत किया और महाविद्यालय के गौरवशाली अतीत एवं भविष्य की योजनाओं से विद्यार्थियों को अवगत करवाया। उन्होंने उच्च शिक्षा की आवश्यकता और इसकी महत्ता पर भी प्रकाश डाला।उन्होंने महाविद्यालय में संचालित विभिन्न डिग्रियों से भी विद्यार्थियों को अवगत करवाया और महाविद्यालय में स्थापित विभिन्न इकाइयों जैसे एनएसएस, एनसीसी, आर एंड आर के संबंध में भी विद्यार्थियों को सूचित किया और इनके महत्त्व के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने महाविद्यालय के ध्येय-वाक्य 'तेजस्विनावधीतमस्तु' में छुपे गहन अर्थ को भी सरलीकृत रूप में समझाया। प्राचार्य महोदय ने विद्यार्थियों को नैतिक मूल्यों के संरक्षण की आवश्यकता और जीवन में अनुशासन के महत्त्व से भी परिचित करवाया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी खूब मेहनत करके अपने सपनों को पूरा करें और राष्ट्र के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। प्राचार्य महोदय ने कहा कि आज युवा वर्ग नशे की गर्त में डूबा जा रहा है। विद्यार्थियों को हर प्रकार के नशे से दूर रहना चाहिए और अपने चरित्र का विकास करना चाहिए। शिक्षा के अतिरिक्त खेलकूद, समाज-सेवा और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। इस अवसर पर शिक्षकों और गैर-शिक्षकों का परिचय विद्यार्थियों से करवाया गया। डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ० रायसिंह नेगी ने भी अपने बहुमूल्य विचार विद्यार्थियों से साझा किए। इस अवसर पर मंच-संचालन डॉ० दिग्विजय रॉनी, डॉ० अश्विनी शर्मा तथा डॉ० नीतिका धवन ने किया। अंत में डॉ० अनिल चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्य उपस्थित थे। महाविद्यालय सभागार में हुए इस कार्यक्रम में बहुत संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।
मंगलवार को राजकीय महाविद्यालय सीमा रोहड़ू में नवांगतुक विद्यार्थियों के लिए प्राचार्य महोदय का विशेष संबोधन सत्र आयोजित किया गया, जिसे 'दीक्षारंभ' नाम दिया गया था। इस सत्र के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर हरीश सांजटा थे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप-प्रज्वलन और सरस्वती-वंदना से हुई। प्राचार्य महोदय ने नवांगतुक विद्यार्थियों का स्वागत किया और महाविद्यालय के गौरवशाली अतीत एवं भविष्य की योजनाओं से विद्यार्थियों को अवगत करवाया। उन्होंने उच्च शिक्षा की आवश्यकता और इसकी महत्ता पर भी प्रकाश डाला।उन्होंने महाविद्यालय में संचालित विभिन्न डिग्रियों से भी विद्यार्थियों को अवगत करवाया और महाविद्यालय में स्थापित विभिन्न इकाइयों जैसे एनएसएस, एनसीसी, आर एंड आर के संबंध में भी विद्यार्थियों को सूचित किया और इनके महत्त्व के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने महाविद्यालय के ध्येय-वाक्य 'तेजस्विनावधीतमस्तु' में छुपे गहन अर्थ को भी सरलीकृत रूप में समझाया। प्राचार्य महोदय ने विद्यार्थियों को नैतिक मूल्यों के संरक्षण की आवश्यकता और जीवन में अनुशासन के महत्त्व से भी परिचित करवाया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी खूब मेहनत करके अपने सपनों को पूरा करें और राष्ट्र के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। प्राचार्य महोदय ने कहा कि आज युवा वर्ग नशे की गर्त में डूबा जा रहा है। विद्यार्थियों को हर प्रकार के नशे से दूर रहना चाहिए और अपने चरित्र का विकास करना चाहिए। शिक्षा के अतिरिक्त खेलकूद, समाज-सेवा और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। इस अवसर पर शिक्षकों और गैर-शिक्षकों का परिचय विद्यार्थियों से करवाया गया। डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ० रायसिंह नेगी ने भी अपने बहुमूल्य विचार विद्यार्थियों से साझा किए। इस अवसर पर मंच-संचालन डॉ० दिग्विजय रॉनी, डॉ० अश्विनी शर्मा तथा डॉ० नीतिका धवन ने किया। अंत में डॉ० अनिल चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्य उपस्थित थे। महाविद्यालय सभागार में हुए इस कार्यक्रम में बहुत संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।
मंगलवार को राजकीय महाविद्यालय सीमा रोहड़ू में नवांगतुक विद्यार्थियों के लिए प्राचार्य महोदय का विशेष संबोधन सत्र आयोजित किया गया, जिसे 'दीक्षारंभ' नाम दिया गया था। इस सत्र के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर हरीश सांजटा थे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप-प्रज्वलन और सरस्वती-वंदना से हुई। प्राचार्य महोदय ने नवांगतुक विद्यार्थियों का स्वागत किया और महाविद्यालय के गौरवशाली अतीत एवं भविष्य की योजनाओं से विद्यार्थियों को अवगत करवाया। उन्होंने उच्च शिक्षा की आवश्यकता और इसकी महत्ता पर भी प्रकाश डाला।उन्होंने महाविद्यालय में संचालित विभिन्न डिग्रियों से भी विद्यार्थियों को अवगत करवाया और महाविद्यालय में स्थापित विभिन्न इकाइयों जैसे एनएसएस, एनसीसी, आर एंड आर के संबंध में भी विद्यार्थियों को सूचित किया और इनके महत्त्व के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने महाविद्यालय के ध्येय-वाक्य 'तेजस्विनावधीतमस्तु' में छुपे गहन अर्थ को भी सरलीकृत रूप में समझाया। प्राचार्य महोदय ने विद्यार्थियों को नैतिक मूल्यों के संरक्षण की आवश्यकता और जीवन में अनुशासन के महत्त्व से भी परिचित करवाया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी खूब मेहनत करके अपने सपनों को पूरा करें और राष्ट्र के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। प्राचार्य महोदय ने कहा कि आज युवा वर्ग नशे की गर्त में डूबा जा रहा है। विद्यार्थियों को हर प्रकार के नशे से दूर रहना चाहिए और अपने चरित्र का विकास करना चाहिए। शिक्षा के अतिरिक्त खेलकूद, समाज-सेवा और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। इस अवसर पर शिक्षकों और गैर-शिक्षकों का परिचय विद्यार्थियों से करवाया गया। डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ० रायसिंह नेगी ने भी अपने बहुमूल्य विचार विद्यार्थियों से साझा किए। इस अवसर पर मंच-संचालन डॉ० दिग्विजय रॉनी, डॉ० अश्विनी शर्मा तथा डॉ० नीतिका धवन ने किया। अंत में डॉ० अनिल चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्य उपस्थित थे। महाविद्यालय सभागार में हुए इस कार्यक्रम में बहुत संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।
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